रफीगंज(औरंगाबाद)(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। रफीगंज प्रखंड के अरथुआ में इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण में विस्थापित हुए 32 परिवारों को कॉलेज के बगल में स्थानीय पदाधिकारी द्वारा पांच-पांच डिसमिल जमीन का पर्चा दिया गया है लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना से इनका घर अब तक नही बना है।
इस कारण ये 32 परिवार अरथुआ उच्च विद्यालय परिसर में जैसे-तैसे रहने को विवश है। इस स्थिति में एक ओर महादलित परिवार को रहने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही दूसरी ओर विद्यालय में छात्र-छात्राओ को पढाई में बाधा उत्पन्न हो रही है। विस्थापित नंदू भुइयां, विजय भुइयां, कारु भुइया, बिटानी भुइया, उदय भुइयां, दुग्गल भुइयां, चिंता देवी, विमला देवी, मीना देवी, मानो देवी, पनवा देवी, बसंती देवी सहित अन्य लोगों ने बताया कि जिस जगह पर इंजीनियरिग कालेज बना। उसी जमीन पर लगभग चालीस -पचास साल से मकान बनाकर रह रहे थे। जब कालेज का भवन निर्माण प्रारंभ हुआ तो हमलोगो को स्थानीय प्रशासन द्वारा हटाकर उच्च विद्यालय परिसर में रहने को कहा गया और आश्वासन मिला कि शीघ्र ही सभी का आवास बनाया जायेगा।
लगभग दो साल से टेंट लगाकर जैसे-तैसे रह रहे है। इंदिरा आवास से मकान बनाने के लिए लगातार अधिकारियों को कहा जा रहा है लेकिन सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल रहा है। वही कॉलेज के बगल में पांच पांच डिसमिल 32 परिवारों को पर्चा दिया गया है लेकिन समतल जमीन नही है और नदी के किनारे है। जमीन के ऊपर से 11 हजार वोल्ट का बिजली तार गुजरा है, जिससे हमेशा खतरे की आशंका बनी रहती हैं। इसलिए पूरा परिवार स्कूल में ही रह कर अपना भरण-पोषण कर रहे हैं। उप मुखिया उदय पासवान ने बताया कि लगातार अधिकारियों को इसके बारे में अवगत कराया जा रहा है लेकिन सिर्फ आश्वासन ही दिए जा रहे हैं। गर्मी, बरसात, ठंड में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।