10 साल पहले होली के दिन रंग लगाने से मना करने पर हुई थी युवक की पीट-पीटकर हत्या, अदालत ने दिया छः को दोषी करार, 5 मई को सुनाई जाएगी सजा

औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज 18 ब्यूरो)। औरंगाबाद की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-11 आनंदिता सिंह की अदालत ने होली पर्व पर रंग लगाने से मना करने पर पीट-पीट कर हत्या कर देने के एक 12 साल पुराने मामले में शुक्रवार को छः अभियुक्तों को दोषी करार दिया।

अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि अदालत ने औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना कांड संख्या-37/10 की सुनवाई करते हुए मे भादवि की धारा 304 पार्ट 2, 149 के के तहत छः अभियुक्तों को दोषी ठहराते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेजवा दिया। अदालत ने सजा के बिंदु पर सुनवाई की तारीख 05 मई निर्धारित की है।अधिवक्ता ने बताया कि मामले के सूचक औरंगाबाद के भोजा बिगहा निवासी रामबली यादव ने 2 मार्च 2010 को औरंगाबाद मुफ्फसिल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा था कि उनका पुत्र रामाधार यादव 1 मार्च 2010 को जोगिया से सब्जी लेकर घर लौट रहा था। रास्ते में सहेरा गांव के पास रामविलास की झोपड़ी के पास पहुंचा तो इसी गांव के रामविलास यादव, राजेन्द्र यादव, मुन्ना यादव, राकेश यादव, विजेन्द्र यादव, सत्येन्द्र यादव ने जबरदस्ती रंग डालने की कोशिश की। मेरे बेटे ने यह कह कर मना किया कि मेरे गांव में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। इस कारण हमारे गांव का कोई भी आदमी होली नही मना रहा है।

इसे लेकर विवाद होने पर इन लोगो ने गेरे बेटे को लाठी-डंडे और मुक्का से मारकर अधमरा कर मौके पर छोड़ दिया। सूचना मलने पर परिवार के सदस्यों के सहयोग से घायल पुत्र को इलाज के लिए लेकर औरंगाबाद सदर अस्पताल आएं जहां र्डॉक्टरो ने प्रारंभिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर कर दिया। पटना ले जाने के दौरान ओबरा रेलवे गुमटी के पास बेटे की मृत्यु हो गई। इस मामले में अभियुक्त सत्येन्द्र, विजेन्द्र, राकेश, एवं मुन्ना यादव ने 18 अगस्त 2010 को न्यायालय में आत्मसमर्पण किया था। मृतक का पक्ष में न्यायालय में गवाहों की गवाही, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु समीक्षा रिपोर्ट आई थी। सूचक ने कहा था कि मेरे गांव में एक व्यक्ति की मौत हो जाने के कारण कोई रंग नहीं खेल रहा था। इसी मामले में अदालत ने अयियुक्तों को दोषी करार दिया।