- 3 महीने से पेशाब में आता था खून, पेट में रहता था दर्द, पेशाब की थैली में जम गया था खून का थक्का
पटना(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। पटना के सत्यदेव सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एक 51 साल की महिला माधुरी देवी (काल्पनिक नाम) के किडनी के ट्यूमर का लेप्रोस्कोपी विधि से सफल ऑपरेशन किया गया। उनकी स्थिति काफी गंभीर थी। लगातार तीन महीने से पेशाब में उन्हें खून आता था, जिसके कारण पेट में लगातार दर्द भी बना रहता था।
वरिष्ठ यूरोलॉजिस्ट डॉ. कुमार राजेश रंजन और टीम ने उनका ऑपरेशन किया। महिला की शारीरिक बनावट कुछ ऐसी थी कि उनका गला एक तरफ झुका हुआ था और रीढ़ की हड्डी भी टेढी थी। ऐसी स्थिति में ऑपरेशन क्रिटिकल था। सीटी स्कैन में पता चला कि महिला की दाई किडनी में 12 सीएम का ट्यूमर है। लेप्रोस्कोपिक रैडिकल नेफ्रोक्टोमी के जरिए मरीज की दाई किडनी निकाल दी गई। ऑपरेशन के बाद वह बिल्कुल स्वस्थ है। 4 दिन बाद उन्हें डिस्चार्ज भी कर दिया गया। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत के तहत यह ऑपरेशन किया गया।
डॉ. कुमार राजेश रंजन ने बताया कि यह केस काफी हाई रिस्क और जटिल था। मरीज को एकसाथ काइफोस्कोलियोसिस और टोटीकोलीज जैसी शारीरिक समस्याएं थी। काइफोस्कोलियोसिस में रीढ़ की हड्डी टेढ़ी हो जाती है जबकि टोकोलीज में गला एक तरफ झुक जाता है। मरीज के पेशाब में लगातार 3 महीने से खून आ रहा था। सीटी स्कैन से पता चला कि पेशाब की थैली में खून का थक्का जमा है और दाई किडनी में 12 cm का ट्यूमर है।
उन्होंने बताया कि देखा जाए तो एक किडनी सामान्यतया 10 सीएम की होती है। इसमें 12 सीएम का ट्यूमर हो गया था, तो मरीज को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा था। लेप्रोस्कोपिक रैडिकल नेफोक्टोमी के जरिए मरीज की दाई किडनी निकाल दी गई है। पेशाब की थैली में जो क्लॉट आ गया था, उसे भी साफ कर दिया गया है। इधर सत्यदेव सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल की निदेशक डॉ अमृता ने कहा कि लेप्रोस्कोपिक रैडिकल लेफोक्टोमी में न्यूनतम चीरे के जरिए मरीज को राहत दी जाती है, जिससे रिकवरी काफी आसान हो जाती है।
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