औरंगाबाद(लाइव इंडिया न्यूज18 ब्यूरो)। औरंगाबाद के सांसद सुशील कुमार सिंह ने मंगलवार को लोकसभा में दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के तहत रोजगार के संबंध में तारांकित प्रश्न संख्या-326 के माध्यम से ग्रामीण विकास मंत्रालय जानकारी मांगते हुए कहा कि मेरा प्रश्न ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं को रोजगार स्वरोजगार से संबंधित है। मेरा संसदीय क्षेत्र बिहार के दो जिलों औरंगाबाद एवं गया जिले में है और दोनों ही जिले नक्सल प्रभावित एवं अत्यंत पिछड़े आकांक्षावान जिले की सूची में है।
मेरे प्रश्न का उद्देश्य यह है कि ग्रामीण युवाओं को रोजगार मिले, वह आत्मनिर्भर हो। वह बंदूक ना थामकर किसी न किसी रोजगार में लिप्त हो जाए और मैं मंत्री से यह जानना चाहूंगा कि दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित एवं निबंधित युवाओं के स्वरोजगार एवं सरकारी नौकरियों में जाने वाले युवाओं की प्रतिशतता का राज्यवार और खासकर मेरे संसदीय क्षेत्र के जो उग्रवाद प्रभावित इलाका औरंगाबाद एवं गया जिले का प्रतिशत क्या है। प्रश्न का जवाब देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि मैं सदस्य को बताना चाहूंगा कि दीन दयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना की जो कल्पना की गई है, वह ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को ही रोजगार देने का है और उस रोजगार के अंतर्गत पूरे देश में 1123783 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया गया और 713723 लोगों को रोजगार दी गई।
डीडीयूजीकेवाई वर्तमान में 27 राज्य और 4 केन्द्रशासित प्रदेशों में लागू है जहां 1891 परियोजनाएं चल रही है। 2369 से अधिक प्रशिक्षण केन्द्र है और इसमें 877 से अधिक पर योजनाएं कार्यान्वित एजेंसियों के साथ 616 से अधिक जॉब रोल के लिए 97 सेक्टर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बिहार में 55125 लोगो को प्रशिक्षित किया गया और 29114 लोगो को रोजगार दिया गया। यह राज्यो में कही भी स्थापित होगा और किसी भी जिले के नौजवान गरीब वहां आकर ट्रेनिंग लेंगे लेकिन मैंने औरंगाबाद का आंकड़ा निकाला है 2014 से 2016 तक 540 लोग प्रशिक्षित हुए और 187 लोगो का प्लेसमेंट हुआ 2016 से 17 तक 614 लोग प्रशिक्षित हुए जिसमे कुल मिलाकर 2779 लोग औरंगाबाद में प्रशिक्षित हुए और 1527 लोगो को नौकरी मिली।
डीडीयूजीकेवाई उग्रवाद और वामपंथ इलाके में एक रोशनी नाम से वामपंथी उग्रवाद प्रभावित 9 राज्यों के 27 जिलों में लागू की जा रही है एवं बिहार के भी गया एवं जमुई, आंध्र प्रदेश, विशाखापट्टनम, झारखंड, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल शामिल है। इन सभी जगह के प्रशिक्षकों के लिए सभी प्रशिक्षण आवासीय प्रकृति की है और महिला अभ्यर्थियों के कवरेज मिनिमम 40 प्रतिशत है। अब तक 60013 लोग प्रशिक्षित हुए और 33042 लोगो को रोजगार से जोड़ा गया है।
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